पल्लव
Wednesday, January 4, 2012
{ १३० ) {Jan 2012}
इन इशारों में क्या कह रही हो
कैसे इशारो मे तुम्हे समझाऊँ
आ कर अधर तक रुक गई है
कैसे हृदय की बात मैं बतलाऊँ ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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