पल्लव
Friday, January 13, 2012
{ १४० } {Jan 2012}
हुई थी कल उनसे मुद्दतों में मुलाकात
खामोश अदाओं से ललचाते जज्बात
उनके नग्मों मे ही सो गई रात चाँदनी
भुलाए न भूले वो खुश्बू में डूबे लम्हात ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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