पल्लव
Wednesday, January 4, 2012
{ १२४ } {Jan 2012}
काश कि ऐसा भी कभी हो सके
इन दूरियों मे कमी सी हो सके
हो सके मिलन हँसे हर किरन
ज़िन्दगी, ज़िन्दगी सी हो सके ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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