Wednesday, January 4, 2012

{ १३२ } {Jan 2012}





ये शब्द नही, गीत नही, संकेतों की है रानाई
लग रहा जैसे लब कहने जा रहे हैं कोई रूबाई
अब हो चला है दिल मे पूर्ण विश्वास मुझको
खूबसूरत गीत की होगी गजल से ही सगाई ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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