Friday, March 9, 2012

{ २१० } {March 2012}






प्यास में एक घूँट जल की तरह
भोर के ताल में कमल की तरह
हमारे जीवन में करीब आये तुम
एक ताजी रंगीन गज़ल की तरह ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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