Monday, March 26, 2012

{ २२३ } {March 2012}





प्यार के फ़ूल फ़ेंक कर तुमने
जेब मे बैर की अगिन भर ली
आदमी के चलन से घबरा कर
आदमियत ने खुदकशी कर ली ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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