पल्लव
Monday, March 26, 2012
{ २२६ } {March 2012}
आज फ़िर एक फ़ूल अधखिला टूटा
प्यार को भी तो आसरा मिला झूठा
गम की जागीर हो गई ज़िन्दगी मेरी
नही मुश्किलों से है सिलसिला छूटा ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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