पल्लव
Monday, March 19, 2012
{ २१९ } {March 2012}
न सर झुकाओ, अपने सर को उठाओ
मिली तुम्हे जवानी, जवानी गुनगुनाओ
अब अँधेरों से निकलो, उजालों में आओ
बस तनिक दूर मंजिल, कदम तो बढाओ ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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