Tuesday, March 13, 2012

{ २१२ } {March 2012}





कालिदास का श्लोक हो जैसे
साँसों में नायिका कला सी तुम
मनुज हृदय में प्रीति का बिरवा
सींच रही हो शकुंतला सी तुम।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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