पल्लव
Monday, March 19, 2012
{ २१५ ) {March 2012}
गम में सारी डूब गईं हैं बस्तियाँ
भूख से तडपे निकले सिसकियाँ
स्याह रात औ’ कंकरीली रहगुजर
अब माँझी की पतवार हैं आँधियाँ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment