पल्लव
Friday, March 2, 2012
{ १९६ } {March 2012}
आप जरा मेरे और करीब आये तो
मेरे पहली में आकर मुस्कुरायें तो
न आजमाया करें मेरे दिल को यूँ
दिल शीशे का है कहीं टूट जाये तो ??
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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