पल्लव
Sunday, November 18, 2012
{ ४०५ } {Nov 2012}
संत सुख को भी नहीं समझते हैं
और दुख को भी नहीं समझते हैं
इस जग ने समझा कुछ उन्हे ही
जो जग को कुछ नही समझते हैं।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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