पल्लव
Monday, November 12, 2012
{ ३९९ } {Nov 2012}
चाँद सा कभी तुम्हारा चेहरा लगे
कभी चाँद से भी दाग गहरा लगे
कभी गम से घिरे बादलों में मुझे
दर्द का बहता आँसू सुनहरा लगे।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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