पल्लव
Saturday, November 3, 2012
{ ३८९ } {Nov 2012}
आग सी जल रही है दिन-रात आँखों में
तडपते हुए गुजरती है हर रात आँखों में
सुकूँ के दो-चार पल मिल जायें दिल को
थम जाये आँसुओं की बरसात आँखों में।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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