पल्लव
Friday, November 2, 2012
{ ३८६ } {Nov 2012}
कर दे कुर्बान अपनी खुशियाँ किसी की खातिर
ख्वाहिश करे अपनी खुशियाँ किसी की खातिर
जहाँ में ऐसे हमसफ़र अब बहुत कम मिलते हैं
कयामत तक दे जाये जो साथ किसी की खातिर।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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