पल्लव
Tuesday, January 27, 2015
{ ८५९ } {Jan 2015}
कितने मासूम होते हैं गुलशन मे खिले हुए ये महकते फ़ूल
चमन में मँडराते हर भँवरे को अपना दोस्त समझ लेते हैं।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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