पल्लव
Tuesday, January 27, 2015
{ ८६० } {Jan 2015}
तुम मेरे कुछ नहीं लगते मगर जाने-हयात
दिल की हर धड़कन में बसे तुम ही तुम हो।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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