पल्लव
Tuesday, January 27, 2015
{ ८६१ } {Jan 2015}
उड़ रहा मोहब्बत का परिन्दा आसमान में
हमारा आशियाँ आज फ़िर से निखर गया।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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