पल्लव
Saturday, January 31, 2015
{ ८६८ } {Jan 2015}
गीत गाती हो जब भी तुम तो
हर साज भीग-भीग जाता है
जाने क्यों तुम्हारे नगमों में
समाया दुख-दर्द का नाता है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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