पल्लव
Friday, January 30, 2015
{ ८६३ } {Jan 2015}
आइने भी चिटक जाते हैं देख के तेरा हुस्न
तुम यूँ न दरपन के सामने अँगड़ाया करो।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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