पल्लव
Monday, April 13, 2015
{ ९०८ } {April 2015}
हम खडे हैं आज भी भरी भीड़ मे तनहा
तुम क्या साथ तुम्हारा साया भी नहीं।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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