Saturday, April 11, 2015

{ ८८९ } {March 2015}





यूँ न देखा कीजिये अपनी कातिल निगाहों से
शहर का हर शख्स कहीं दीवाना न हो जाये।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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