पल्लव
Monday, April 13, 2015
{ ८९९ } {March 2015}
मरने से पहले हम मरते सौबार इस जहाँ में
बेबस हो गई ज़िन्दगी पर मदहोश है जमाना।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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