पल्लव
Wednesday, February 27, 2013
{ ५०० } {Feb 2013}
प्यार की चारो तरफ़ खुमारी छा गयी है
प्यार के रँग की चुनरिया लहरा गयी है
चाँद, तारे, फ़ूल, शबनम मचल रहे है
प्यार की गँध से मीत को महका गयी है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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