पल्लव
Monday, February 18, 2013
{ ४७७ } {Feb 2013}
किसी का भी आसरा करके मिला क्या
खुद से खुद को घटा करके मिला क्या
खार सहेजे गुलशन में, गुलबिखराये
ज़िंदगी तुझे झुठला करके मिला क्या।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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