पल्लव
Wednesday, February 27, 2013
{ ५०१ } {Feb 2013}
मेरी आहों में अभी असर बाकी है
ज़िन्दगी अभी एक पहर बाकी है
न बुझाओ ये उम्मीदों के चिराग
दूर है मंजिल अभी सहर बाकी है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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