पल्लव
Wednesday, September 26, 2012
{ ३५३ } {Sept 2012}
अब आ चुका वक्त सर पर तूफ़ान उठाना है
स्वेद-बिन्दु का सूरज भू-तल पर चमकाना है
टकराओ काल से, टूटे अहं निरंकुश बादल का
उठो जवानों तुम्हे भारत का इतिहास बनाना है।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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