पल्लव
Monday, September 24, 2012
{ ३५० } {Sept 2012}
कितनी लम्बी दूरी है इस मानुष जीवन की
है कौन यहाँ जो इसको तनिक जान सका
वर्षों-वर्षों का साथ सहेज रहे यहाँ पर सब
पल भर का परिचय कोई न पहचान सका।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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