पल्लव
Sunday, September 9, 2012
{ ३४४ } {Sept 2012}
फ़ले-फ़ूले एक चमन की तरह
सितारों से भरे गगन की तरह
उनकी तनहाइयाँ लगती मुझे
किसी रंगीन अंजुमन की तरह।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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