पल्लव
Thursday, September 27, 2012
( ३६६ ) {Sept 2012}
कब तक आखिर रात रहेगी
सूरज सुबह को निकलेगा ही
गम की रातें भी छट जायेंगी
कुछ तो आलम बदलेगा ही।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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