पल्लव
Monday, August 20, 2012
{ ३१७ } {Aug 2012}
कोई हमदम नही, दोस्त नही, हमराज नही
अपना गम किससे कहूँ कोई हमनवाज नही
खो गई जाने कहाँ, दिल के धदकनों की सदा
मेरी आवाज मे शामिल, मेरी आवाज नही।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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