पल्लव
Friday, August 24, 2012
{ ३२० } {Aug 2012}
दर्द दिल में हम कब तक दबाये रहें
दिल में लगी आग कबतक छुपाये रहें
आने लगे उनके हुस्नो-इश्क के सपने
गीत बिरहा के कब तक गुनगुनाये रहें।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment