पल्लव
Friday, August 31, 2012
{ ३३६ } {Aug 2012}
आदमियत के कातिलों तक
मानुस की पीर कैसे पहुँचाऊँ
मेरी अँजुरी में नीर गंगा का
कैसे इन मैकशो को बहलाऊँ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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