Friday, August 31, 2012

{ ३३७ } {Aug 2012}





प्यार का इंकलाब लिखता हूँ
कल्पना का गुलाब लिखता हूँ
बैठ कर किसी अँधेरे कोने में
रोशनी की किताब लिखता हूँ।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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