Monday, August 27, 2012

{ ३२८ } {Aug 2012}





हर भोर के बाद शाम हो जाये
इस तरह दिन तमाम हो जाये
वैसे छुपा है गम उनका लेकिन
मेरे गीतों से यह आम हो जाये।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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