Tuesday, August 28, 2012

{ ३३३ } {Aug 2012}





कागजी इंकलाब निकला तुम्हारा
खुदगर्ज आफ़ताब निकला तुम्हारा
भोली जनता के जलते सवालों का
सिर्फ़ फ़र्जी जवाब निकला तुम्हारा।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

No comments:

Post a Comment