पल्लव
Saturday, August 25, 2012
{ ३२५ } {Aug 2012}
रंग बदला हुस्न ने तो प्यार की बातें कहाँ
चाँद जब रुसवा हुआ तो चाँदनी रातें कहाँ
गम पीता हूँ अब शराब मे नही वो कुब्बत
वो रवानी वो मस्ती अब वो मुलाकातें कहाँ।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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