पल्लव
Tuesday, August 28, 2012
{ ३३२ } {Aug 2012}
सम्मोहन वाली ये चिर-परिचित मुस्कान
गदराए मौसमी पृष्ठॊं से कटीले नयन बान
महकाए गुलशन, मुसकाती मदमाती शाम
लिख जाती पुष्प-पल्लवों पर तेरा ही नाम।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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