पल्लव
Monday, August 20, 2012
{ ३१६ } {Aug 2012}
मोहब्बत को दिल में जगा के देखो
मुझे अपनी मोहब्बत बना के देखो
हम गुजरे हुए कल के सपने नही है
जरा दिल से दिल को लगा के देखो।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment