पल्लव
Tuesday, August 28, 2012
{ ३३४ } {Aug 2012}
प्रेम की मौन खलबली सी तुम
भोली सी भली-भली सी तुम
मेरे जीवन में मुस्कुरा रही हो
कल्पनाकुँज की कली सी तुम।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
1 comment:
Markand Dave
August 31, 2012 at 4:11 AM
Mast Raho, Khush Raho!!!
बहुत अच्छे सरजी..!
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Mast Raho, Khush Raho!!!
ReplyDeleteबहुत अच्छे सरजी..!