Tuesday, June 4, 2013

{ ५८३ } {June 2013}





होंगीं रँगीनियाँ खिल उठेंगी बहारें ज़िन्दगी में आपके
मुझे अपने दिल में बसा के, प्यार मुझको अता करें।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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