पल्लव
Monday, June 24, 2013
{ ६०२ } {June 2013}
यादों के उमडे जब भी बादल
पलकें न कर तू अपनी नम
अश्रुओं को बनाकर सियाही
उठा कलम लिख अपने गम।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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