पल्लव
Tuesday, June 25, 2013
{ ६१३ } {June 2013}
साहिल से ही जो देखे लहरों का उठना गिरना
उसको अन्दाज न होता सागर की गहराई का।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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