Saturday, June 8, 2013

{ ५८८ } {June 2013}





काश हम न साथ-साथ चलते
बीच राह में न यूँ हाथ मलते
डालियों पर उगे खार हो तुम
कलियों सँग छुप कर पलते।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

No comments:

Post a Comment