पल्लव
Saturday, June 8, 2013
{ ५९८ } {June 2013}
हम तो मानते थे हर शख्स अपना ही तो है, मगर
आज हम ढूँढते इर्द-गिर्द वो अपने हमारे कहाँ गये।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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