Saturday, June 8, 2013

{ ५८७ ) {June 2013}





सुकूँ के नाम पर हर दम गदर की बात करते हैं
बन्द मुँह खुलता जब भी जहर सी बात करते हैं
बता के हमें अपना मसीहा-ए-ज़िन्दगी बन बैठे
अब हुआ जाहिर वो किस कदर की बात करते हैं।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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