पल्लव
Monday, June 24, 2013
{ ६०५ } {June 2013}
इश्क के साए मे बसा ये शहर क्या खूब है
आशिक खुद को यहाँ महफ़ूज़ समझते है।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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