Saturday, June 8, 2013

{ ५९३ } {June 2013}





आज चहुँ दिशाओं में ये कैसा हो रहा तमाशा
पहले बेधते हृदय को फ़िर देते झूठी दिलासा
कहते मन-हृदय सब तो कर दिया तेरे नाम
पर सत्य ये कि ये मात्र मुख शोभा की भाषा।।

-- गोपाल कृष्ण शुक्ल

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