पल्लव
Wednesday, June 5, 2013
{ ५८६ } {June 2013}
रोटियों के वास्ते रोता है आदमी
रोटियाँ देख कर गाता है आदमी
बेबसी की बैसाखी को थामे हुए
हर मुश्किल सह जाता है आदमी।।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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