पल्लव
Tuesday, June 25, 2013
{ ६११ } {June 2013}
तरह-तरह के तमाशे हो रहे हैं आज सियासत मे
कभी नाआश्ना है दोस्त तो हमसाये हुए अजनबी।
-- गोपाल कृष्ण शुक्ल
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